Can Narendra Modi become Prime Minister for the third time in 2024?
क्या मोदी जी तीसरी बार भी प्रधान मन्त्री बनेंगे?
Can Narendra Modi become Prime Minister for the third time in 2024?
बीजेपी की लगातार बढ़ती शक्ति से चिंतित, अपने अस्तित्व को बचाने केलिए आज देश की बहुत सारी बड़ी छोटी पार्टियां एक ही गठजोड़ में शामिल हो चुकी हैं। जिसका नाम है इंडिया।
विपक्षी दलों की तमाम कोशिशों के बाद भी नरेंद्र मोदी 2024 में लगातार तीसरी बार सत्ता में लौट सकते हैं। सी वोटर मूड ऑफ द नेशन के एक सर्वे के मुताबिक, 2024 के चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 43 फीसदी वोट शेयर के साथ 306 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि INDIA गठबंधन को 41 फीसदी वोट शेयर के साथ 193 सीटें मिलने का अनुमान है।
इस सर्वे के अनुसार, भाजपा अपने दम पर 287 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है।
नरेंद्र मोदी vs All
भारत ऐसे देश को एक सशक्त नेतृत्व के साथ- साथ एक मजबूत विपक्ष चाहिए होता है, पर यह दुर्भाग्य है की 2004-2014 के बीच एक सशक्त नेतृत्व तो नहीं मिला पर एक मजबूत विपक्ष जरूर था जो अगले दशक में एक मजबूत नेतृत्व देश को दिए पर, दुर्भाग्य फिर से की बिलकुल ही कमजोर और टुकड़ो में बटे विपक्ष मिला।
आज के संदर्भ में यदि बात करू तो, विपक्ष द्वारा एक बड़ा गठजोड़ बनने से उसकी जीत की संभावनाएं 10–20 फीसदी से सीधा 30–40 % तक अवश्य बढ़ चुकी है। क्युकी गठबंधन में वो तमाम पार्टी हैं जिनका बोलबाला अपने राज्य क्षेत्र में है। इन सारी पार्टियों के पास किसी न किसी राज्य की सत्ता जरूर है, अतः छिटपुट ही सही पर उन्हें उनके राज्य की राजनीती में आप दरकिनार नहीं कर सकते।
हर पार्टी अपने राज्य में अलग- अलग मुद्दा ले आये हैं, जिससे की थोड़ी बहुत ही सही छोटी पार्टी को फायदा मिलेगा। I.N.D.I.A. अलाइंस जो की 27 -28 कमजोर पार्टियों का एक खिचड़ी है, टुकड़ो में ही सही वोट तो जरूर ले आएँगे पर आने वाले समाय में देश के लिए घातक होगा। नए गठजोड़ में देश की लगभग सभी पार्टियां शामिल हो चुकी हैं और अब मुकाबला एक तरह से – BJP vs All हो चुका है।
और सभी विपक्षियों का कहना है कि वे सब साथ आएँ तो मोदीजी को हराया जा सकता है। अर्थात साथ नहीं आने पर हराया नहीं जा सकता। साथ आने पर संभावना बनती है।
जबकि किसी ‘एक’ के खिलाफ सारे विपक्षी साथ आ जाएं तो उस ‘एक’ का कद और बड़ा हो जाता है। इस तरह लोगों का सहयोग, समर्थन, सहानुभूति मिलना आसान हो जाता है।
2024 और तीसरा कार्यकाल
इस बड़े तथ्य के बावजूद कि स्वतंत्र भारत में नेहरू जी को छोड़ कर कोई भी प्रधान मंत्री अपना तीसरा कार्यकाल जीत नहीं पाया।
मोदी सरकार का दोनों कार्यकाल बढ़िया रहा, बीजेपी का प्रभाव-क्षेत्र बढ़ता रहा और सारी बड़ी पार्टी छोटी चली होती गयी। सभी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करते नज़र आ रहे हैं।
राज्य असेम्ब्ली इलेक्शन में भी आपसी- विरोधी पार्टी साथ मिलके लड़ने लगे है। उदहारण-स्वरुप : बिहार में जद यू और राजद साथ हो गए है – 10 साल पहले ये गठबंधन आपसी दुश्मन थे। सपा और बसपा भी साथ हो गए। केजरीवाल की राजनीति उत्पत्ति ही कांग्रेस की राख से हुई थी, आज वही कांग्रेस- केजरी आपस में लिपटे पड़े हैं।
भाजपा का जन्म जनसंघ से हुआ। स्वतंत्रता के बाद से ही इनकी नीतियां UCC,धारा 370 और राम जन्मभूमि से जुड़ी रहीं। जितनी भी जनता इन मुद्दों की समर्थक थी वो भाजपा को ही वोट देती आई है। पहले इन मुद्दों को हिंदुओं का ही एक बड़ा वर्ग घृणित समझता था इसलिए भाजपा को सहयोगी दल भी कम ही मिलते थे। भाजपा “अछूत” पार्टी थी। परन्तु ये अछूत पार्टी कब छूत और सवर्ण की पार्टी बन गयी किसी को भी पता नहीं चला। क्युकी बीजेपी देश की बात करती थी।
भाजपा की “हिंदुत्व और विकास“
भाजपा की राजनीति “हिंदुत्व और विकास” इन दो आधार पर टिकी है, इनमें से एक भी कम पड़ता है तो ये हार जाते हैं। जैसे कर्नाटक में विकास कम पड़ गया तो बजरंगबली के नाम पर पिछले चुनाव के बराबर ही वोट मिला। जबकि उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व के साथ विकास भी हुआ तो धारा के विपरीत जाकर फिर से सरकार बनी। कल्याण सिंह के समय उत्तर प्रदेश में बीजेपी की हार भी इसी संयोग और आधार की कहानी वयान करती है।
अटलजी ज्यादा सेक्युलर होने के चक्कर मे 2004 में अपनी सरकार को बचा नहीं पाए थे। उन्होंने विकास के दम पर सरकार बनानी चाही, चूक गए। सरकार में रहते हुए उनके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरे मतभेद थे। संघ से जुड़े अधिकतर लोग जानते हैं कि 2004 में संघ के कार्यकर्ताओं ने ज्यादा मेहनत नही की थी।
इसके अलावा 2002 गुजरात दंगों का भी बहुत प्रपोगण्डा किया गया था। मुस्लिम वैसे भी कैमरा के सामने टमाटर सास को खून बताकर रोने में माहिर हैं। कई हिन्दू मतदाता भी इस चक्कर मे भाजपा से दूर हो गए थे। सिर्फ “इंडिया शाइनिंग” से चुनाव जीतना असम्भव है क्योंकि 20% मुस्लिम एक ब्लॉक में वोट देते हैं। सिर्फ विकास ही पैमाना होता तो अटल बिहारी 2004 में कभी न हारते।
जबकि अब मोदी जी ने आरएसएस के दो मुद्दों राम मंदिर और धारा 370 पर निपटारा कर दिया है, इसलिए संघ को उतनी शिकायत नही है। 2025 में संघ के जन्म को 100 सांल होंगे, उस समय तो भाजपा की ही सरकार होनी चाहिए।
10 बड़े फैसले मोदी सरकार की
2024 में श्री नरेन्द्र मोदी जी जनता के आशिर्वाद से पुनः प्रधानमंत्री अवश्य ही बनेंगे। इसके कई कारण हैं ।
- सत्ता में 10 वर्ष बिताने के बाद भी श्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तित्व और चरित्र पूरी तरह से स्वच्छ और दागरहित है, विपक्ष के लाख कीचड़ उछालने के बाद भी जनता की नजरों में वे विवाद रहित है।
- भारत की जनता को इन 75 वर्षों में पहली बार एक ऐसा राजनेता प्रधानमंत्री के रुप में मिला है जिसके कार्यों की सराहना वर्तमान विश्व के सभी बड़े देशों के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी करते हैं । इससे पूरी दुनिया में भारत का गौरव भी बढ़ा है।
- देश की आर्थिक प्रगति के लिए भी मोदी जी के नेतृत्व में विशेष प्रयास किए गए हैं । रक्षा क्षेत्र में नवीन अनुसंधान के साथ हथियारों का निर्माण करते हुए बहुत से देशों को उसका निर्यात किया जा रहा है जो देश की बहुत बड़ी सफलता है और इसका श्रेय मोदी सरकार को ही जाता है।
- देश की आंतरिक सुरक्षा कोभी सरकार के व्दारा सुरक्षित रखने का विशेष ध्यान दिया गया है। आतंकवादी घटनाओं में पहले से बहुत अधिक कमी आई है, साथ ही उनकी कमर तोड़ने कार्य भी बिना संकोच सरकार कर रही है।
- दुनिया के हर देश में समस्या है, परन्तु मैं समझता हूं कि हम भारत वासी सौभाग्यशाली हैं कि हमारे पास मोदी जी ऐसे लोकप्रिय और दूरदर्शी ,राजनेता हैं जिनमें जनता का अटूट भरोसा है जिन्हें अवश्य ही वर्ष 2024 में एक बार फिर देश अपना चौकीदार चुनकर गर्व महसूस करेगा ।
भारतीय राजनीति की प्रयोगशाला – BIHAR
वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार जो भी कर रही है उसके काम काज का संदेश सीधा सभी जनता तक पहुंचना चाहिए । डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजना, किसानों को सीधा लाभ पहुंचाना, 82 करोड़ों लोगों को मुफ्त अनाज देना मकान और पानी सीधे तौर पर लोगो को मुहैया कराना, हिंदू धार्मिक स्थानों का विकास के साथ सभी त्यौहार और पर्वो पर अपना संवाद और संदेश पहुंचाना। सशक्त संवाद बिलकुल निडर आवाज चाहे अमेरिका हो या चीन या रसिया सभी को एक जवाब देना। यही सब सशक्त संवाद कल्याणकारी योजनाएं देश विदेश की नीतियां और धर्म के साधे हुए इस्तेमाल ने नरेंद्र मोदी को सियासत का नया सितारा चुन लिया है।
आइये जानते हैं 10 बड़े फैसले जिसके दम पर नरेंद्र मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं :
- नारी शक्ति वंदन अधिनियम
- G 20 की शानदार मेजबानी
- चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग
- 5th सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
- धरा 370 का खात्मा
- सर्जिकल व् एयर स्ट्राइक
- नई शिक्षा नीति
- मुफ्त स्वस्थ बीमा Rs.500000- तक
- स्वदेशी Covid वैक्सीन
- सैन्य क्षेत्र में आत्म-निर्भरता
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