I will give vote to Modi | मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को वोट क्यों दे रहा हूँ
I will give vote to Modi | मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को वोट क्यों दे रहा हूँ
मैं प्रधान मंत्री मोदी जी और उनकी केंद्रीय सरकार का समर्थन करता हूँ। अगले होने वाले आम चुनाव में उनके लोकसभा प्रत्याशियों को वोट देना सही निर्णय होगा।
इस निष्कर्ष पर पहुँचने के विभिन्न कारण मैं आपसे साझा करना चाहता हूँ।
मोदी जी की सरकार को वापस लाने के बहुत सारे कारण हैं – उनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं:
ग़रीबों के जीवन में ज़बरदस्त सुधार,
भारत की ठोस वित्तीय स्थिति,
तेज़ी से होता हुआ अभूतपूर्व इंफ्रास्ट्रक्चर विकास
देश की GDP वृद्धि दर,
विज्ञान व अनुसंधान पर विशेष ध्यान।
युवा वर्ग के लिए विशेष कर्ज और अन्य योजनाएँ लागू हुई हैं।
इतना ही नहीं, सभी नागरिकों को बिना भेद-भाव सीधे उनके बैंक खातों में समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
लेकिन इन सब के इलावा, मेरे लिए सबसे बड़ा कारण ये है – हमने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, जिस शांति व स्थिर वैश्विक व्यवस्था को देखा है, वह समाप्ति के कगार पर है। दुनिया के कई हिस्सों में युद्ध चल रहे हैं। UN में बिखराव आ रहा है। अब संसार के सारे देश एकजुट होकर हमारी ज्वलंत समस्याओं का हल निकालने में पहले जैसे समर्थ नहीं हैं।
उदाहरण के लिए कोविड महामारी, विश्व व्यापार विसंगतियाँ, कुछ देशों के कर्ज का टाइम बम, जलवायु परिवर्तन-ग्लोबल वार्मिंग, और महाशक्तियों की घटती शक्ति, जो स्पष्ट है समंदर के बढ़ते लुटेरो में, और युद्ध तकनीक में सस्ते हाई-टेक शस्त्रों के बढ़ते इस्तेमाल् में।
आपने सोचा था कभी कि SUEZ Canal में हौथी ड्रोन आक्रमणों के कारण विश्व के समुद्री जहाज़ अफ़्रीका का लंबा चक्कर लगा कर आने के लिए मजबूर होंगे? ये सारी बातें दुनिया के लिये ख़तरे की घंटी हैं। और प्रमुख देश इनके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं।
इतिहास गवाह है कि जब एक पुरानी वैश्विक व्यवस्था टूट कर बिखरती है, ऐसे कठिन समय में उथल-पुथल, अशांति और युद्ध बड़े सामान्य हैं।
आज हम ऐसे ही बिखराव व अशांति के दौर से गुजर रहे हैं। पूरी दुनिया और बड़े देश इस कठिन दौर से कैसे निकलते और उभरते हैं, इसी से आने वाले दशकों व शताब्दी में हमारे भाग्य का निर्धारण होगा।
भारत के लिए तो यह और भी अहम है, क्योंकि हमें बिखराव के अंतरराष्ट्रीय माहौल में ही अपने कई ग़रीब देशवासियों को बहुत आगे ले चलना है। ऐसे नाज़ुक समय में ही किसी भी राष्ट्र के शीर्ष नेतृत्व की सबसे बड़ी भूमिका होती है। पहले और दूसरे विश्व युद्ध में अमेरिका के शीर्ष नेता बहुत काबिल थे। इसीलिए 1945 के बाद की विश्व व्यवस्था में अमेरिका की समृद्धि और ताक़त में उसके राष्ट्रपतियों का बड़ा योगदान रहा।
विश्व इतिहास के इस नाज़ुक दौर में हमें भारत के प्रधान मंत्री में क्या गुण चाहिए?
जिसके पास पूर्ण एकाग्रता और जोश हो।
जो लंबे अनुभव में कार्यकुशलता दिखलाता हो।
जो सबसे अधिक मेहनत कर सके।
इस मेहनत व लगन से देशवासियों को अपने साथ आगे कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित कर सके।
और जो दुनिया के बड़े देशों के सामने भारत के हितों की डट कर रक्षा कर सके।
जहां प्रेमभाव से काम हो, वहाँ प्रीत अन्यथा
कठोर रूख भी अपना सके, और भय पैदा कर सके
ऐसे प्रधान मंत्री की ज़रूरत है भारत को।
आप में से कई प्रधानमंत्री मोदी जी के शुभचिंतक हैं। कुछ ऐसे भी होंगे जो उनके समर्थक न हों। ऐसे दोस्तों से मेरी गुज़ारिश है कि आज जब दुनिया एक कठिन समय में है, हमारे देश में पूर्ण बहुमत वाली शक्तिशाली सरकार चाहिए। ऐसी सरकार जो विश्व की विपरीत परिस्थितियों से भली भाँति निपट कर भारत को आने वाले समय में और भी ऊपर ले जा सके।
यदि हिंदुस्तान शक्तिशाली होगा तो हम में से हर हिंदुस्तानी की शक्ति बढ़ेगी। अगर हिंदुस्तान कमजोर हुआ – जैसा 1950-1980 के दशकों में हुआ था, प्रत्येक हिंदुस्तानी की शक्ति कम होना तय है।
ध्यान रहे, पिछले कुछ सालों में हमारी सरकार तगड़ी थी, इसीलिए हम महाशक्तियों के दबाव में न आते हुए राष्ट्र हित में निर्णय ले सके। जैसे रुस से कच्चा तेल ख़रीदते रहना, जिस से हमारे देश में क़ीमतें काबू में थीं, जबकि कई देशों में बेतहाशा महंगाई ज़ोर पर है।
हमारे देश व हमारी सभ्यता के लिये ऐसे नाज़ुक समय पर चाणक्य नीति पर चलने वाले शीर्ष राष्ट्रीय नेता की बेहद ज़रूरत है। इसीलिए हमें आगामी सरकार में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी को और भी अच्छे काम करने देना चाहिए।
मैं अपने लोकसभा का वोट मोदी जी के उम्मीदवार को ही दूँगा। आशा है कि आप भी उनके उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे।
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