Chanakya Niti
Chanakya Niti
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति अपने आचरण और कार्यों से महान बनता है. जब व्यक्ति का आचरण खराब होता है तो उसके समाज में सम्मान प्राप्त नहीं होता है. इसलिए इन 5 आदतों को जितना जल्दी हो सके त्याग देना चाहिए. आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति:
चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि हर व्यक्ति में महान और श्रेष्ठ बनने की चाहत होती है. इसके लिए वह जीवन में प्रयास करता है. निरंतर कठिन परिश्रम भी करता है. लेकिन सफलता हर किसी को प्राप्त नहीं होती है. सफल होने और महान बनने में अंतर होता है. महान बनना सफल होने से भी जटिल कार्य है.
महान व्यक्ति समाज को दिशा देते हैं. समाज ऐसे लोगों का अनुशरण करता है. महान व्यक्ति का आचरण सभी के लिए समान होता है, महान व्यक्ति सभी को साथ लेकर चलता है, ऐसे लोग किसी से कोई भेदभाव नहीं करते हैं. इतिहास ऐसे लोगों की सराहना करता है.
हर प्रकार की बुराई से बचें
जीवन में महान बनना है तो हर प्रकार की बुराईयों से बचना चाहिए. बुराई व्यक्ति की महानता में सबसे बड़ा बाधा है. महान बनना आसान नहीं है इसके लिए व्यक्ति को बहुत त्याग करना होता है. किसी भी प्रकार की बुराई व्यक्ति की क्षमता का नाश करती है.
लालच का त्याग करें
चाणक्य के अनुसार लालच एक रोग के समान है. जिस व्यक्ति को लालच का रोग लग जाता है उसे यह रोग समाप्त करके ही मानता है. इसलिए जितनी जल्दी हो सके लालच का त्याग कर देना चाहिए या फिर इससे दूरी बना लेनी चाहिए. लालच करने वाला व्यक्ति स्वयं की नजरों में भी गिर जाता है.
बुरी संगत से बचें
व्यक्ति की सफलता में संगत का बहुत बड़ा योगदान होता है. बुरी संगत में बैठने से व्यक्ति की बुद्धि का नाश होता है. विद्वान लोगों के साथ संगत करने से मस्तिष्क का पूर्ण विकास होता है व्यक्ति चिंतनशील बनती है. वहीं बुरे व्यक्तियों की संगत में बुरी आदतों को सीखता है.
क्रोध न करें
क्रोध में व्यक्ति स्वयं पर नियंत्रण नहीं रख पाता है. क्षण भर के क्रोध में व्यक्ति कभी कभी अपना सबकुछ गवां देता है. इसलिए क्रोध नहीं करना चाहिए. मन को शांत रखने के लिए जरूरी है कि क्रोध से दूर बना लें.
भेदभाव न करें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को भेदभाव से रहित होना चाहिए. भेदभाव करने वाला व्यक्ति कभी भी संतुष्ट नहीं रहता है. भेदभाव करने वाले व्यक्ति का आत्मविश्वास भी डगमगाता रहता है. ऐसे में वह उचित निर्णय नहीं ले पाता है.
इंसान को परखना सीख जाओगे..
1. किसी के गुण देखने हो तो उसके साथ खाना खाओ,
2. किसी की अच्छाई देखनी हो तो उसकी सलाह लो,
3. किसी की सोच परखनी हो तो उसपे विश्वास करो,
4. किसी की नियत देखनी हो तो उसे कर्जा दो,
5. किसी की फितरत देखनी हो तो उसे आजादी दो,
6. किसी का दुख समझना है तो उसे अपने दुख बताओ,
7. किसी की आदत देखनी हो तो उसे इज्जत दो.