राजनीति में शिक्षा | Education in Politics
PM मोदी पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा था की देश के PM uneducated हैं। मुझे लगता है यह देश की मर्यादा पर कलंक लगाने की कोशिश की गयी है। और वैसे भी एक नया मुद्दा दे दिया है वर्तमान सरकार को सुधारने के लिए, आप जल्द ही देखोगें की राजनीति में शिक्षा (Education in Politics) mandatory कर दिया जाएगा।
वैसे, केजरीवाल जी ने लालू- राबड़ी के दोनों बेटे जो की 10th भी पास नहीं किये है उनके साथ- साथ गठबंधन किये हुए हैं और उनके खिलाफ कुछ मुँह नहीं खोलते हैं। ये वो पढ़े लिखे लोग हैं जो selective विरोध पर काम करते हैं। इनकी अपनी कोई principle नहीं होती है, समय के साथ गिरगिट की तरह रंग बदलने वाली इनकी भाषा और अमर्यादा-पूर्ण आचरण इनकी आदत बन गयी है।
The cornerstone of democracy rests on the foundation of an educated electorate.
राजनीति जिंदगी की एक ऐसी विधा है जो सतत कार्यशील रहती है। आप बिलकुल प्रारंभिक जीवन से समाज के लिए अपना काम करते है, आपकी लगन, आपका त्याग, रास्ता दिखाता है और फिर धीरे- धीरे आप आगे बढ़ने लगते हैं।
गाँधी की सफलता का भी राज यही था की उन्होंने 40 साल की उम्र तक अफ्रीका में जमीनी कार्य किये। इसलिए हम, राजनीति को सिर्फ educational डिग्री से नहीं नाप सकते हैं। वैसे परिवारवाद की समस्या के कारण हमने देखा है बहुत सारे नेता अपने पार्टी में उच्च पद पर आसीन हो जाते हैं बिना किसी मेहनत के। हमें वैसे नेता से सावधान रहनी चाहिए।
आपने कभी सोचा ? हमारे देश में वास्तव में कितने मतदाता शिक्षित हैं?
फिर हम यह आशा कैसे कर सकते हैं कि राजनेताओं के पास शिक्षा के मानदंड होने चाहिए? यदि मतदाता चुनाव के समय पैसे और फ्री की सुबिधा को तरजीह देते हैं तो शिक्षा कभी मायने नहीं रखती।
शिक्षा और बुद्धिमत्ता सफल शासन के सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं। इसलिए, लोकतंत्र के सफल होने के लिए, अधिकांश मतदाताओं को बुद्धिमान और सुशिक्षित होना चाहिए, खासकर अपने देश की राजनीति में।
वर्तमान भारतीय राजनीति की यह विडंबना है की किसी राज्य को कोई मुर्ख – बिना पढ़ा लिखा इंसान चला रहा है। और हम तो उस प्रदेश से आते है जिसके उप-मुख्यमंत्री भी १०वी पास नहीं हैं, और उनकी माता जी तो बिलकुल निरक्षर थी पर राज्य का नेतृत्व उन्हें मिला, और वो राज्य की मुख्यमंत्री बनी रही थी – ७ साल । ये वो लोग हैं, जिन्हे अपने देश या राज्य की इतिहास, भूगोल और वर्तमान का पता नहीं रहता है। पर इन्हे ये जरूर पता रहता है की धर्म और जाति की बात करके भोले भाले किसान- मजदुर से वोट कैसे लिया जाए।
पढ़े-लिखे लोग कौन हैं ?
वो व्यक्ति जो अपने जीवन से या दूसरों के जीवन से सीखने का इच्छुक है, जो कुछ भी सीखा है, उसे पहले सही तरह से अलग- अलग जगह से पक्की जानकारी इकट्ठा करता है, और एक संतुलित दृष्टिकोण या सुझाव देता है; वह हमेशा अधिक जानने के लिए भूखे रहते हैं, ऐसा व्यक्ति जिसे कभी नहीं लगता कि वह सब कुछ जानता है, परन्तु आत्मविश्वास के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार रहता है , दूसरे व्यक्ति के चरित्र, क्षमता या बुद्धिमत्ता को कभी कम नहीं आंकता। और जो हर किसी से सीखने को तैयार है, चाहे वे युवा हों या बूढ़े।
राजनीति में शिक्षा : Education in Politics
शिक्षा एक नैतिक और मानसिक संपत्ति है जो व्यक्ति को सोचने की शक्ति देती है। यह हमारी निर्णय लेते समय गलतियाँ न करने का 99% आश्वासन देता है यानी किसी भी नेता को जो राजनीतिक पद पर होना चाहिए, उसे अपने कर्तव्य के अनुसार सही सोचने की शक्ति होनी चाहिए।
Education does improve everything. And politics is everywhere.
शिक्षा हर चीज़ में सुधार लाती है। और राजनीति हर जगह है। इसलिए, राजनीति के लिए बहुत ही जरुरी है शिक्षा।
Education in Politics क्यों जरुरी
- शिक्षा, शिक्षार्थियों की उच्चतम स्तर की सोचने और समझने की क्षमता को विकसित करने में मदद करती है, जिससे की वे समाज में ज्यादा जागरूक और सकारात्मक योगदान दे पाते हैं।
- शिक्षित नागरिक, समाज के सदस्यों के रूप में ज्यादा जागरूक और समझदार होते हैं। वे समाज में आवश्यक बदलाव को पहचानते हैं और सुधारों की मांग करते हैं।
- शिक्षा के माध्यम से लोग विचारों को परिपक्वता से समझते हैं और सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील होते हैं। यह उन्हें समाज में जागरूक नागरिक के रूप में भाग लेने की प्रेरणा देता है, जिससे वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सक्षम होते हैं।
- शिक्षित नागरिक राजनीतिक प्रक्रियाओं को समझते हैं और समर्थन देने या विरोध करने के आधार पर अपना निर्णय लेते हैं।
- शिक्षा राजनीतिक प्रक्रियाओं को भी सुधारती है। एक शिक्षित और जागरूक समाज अपने नेताओं से उच्चतम गुणवत्ता की नीतियों की मांग करता है और उन्हें जवाबदेही से काम करने के लिए प्रेरित करता है।
वाजपेयी-मोदी की भारतीय राजनीति में योगदान | Contribution of Vajpayee Modi in Indian Politics
शिक्षित नेता:
हमारे देश में सांसद या विधायक बनने के लिए किसी शिक्षा की आवश्यकता नहीं है। संविधान में विभिन्न पात्रता शर्तों का उल्लेख करते समय शैक्षिक योग्यता के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है।
Degree doesn’t teach u how to make decisions
हर कोई कहता है कि नेता को शिक्षित होना चाहिए। मैं उन लोगों से सहमत हूं जो राजनीति में शिक्षा का समर्थन करते हैं।भारतीय राजनीति- तंत्र विल्कुल ही एक बर्बाद, अस्त-व्यस्त और अक्षम संस्था है। यह कड़वी सच्चाई है, और इसका एकमात्र समाधान है, ऐसे नेताओं को चुनना जो सक्षम हों, सुशिक्षित हों और नागरिकों के कल्याण में सुधार लाने के प्रति उत्साही हों। उपरोक्त तीनों गुण देश की उन्नति के लिए आवश्यक हैं। यदि एक भी खूबी हमने नेता में नहीं पाया तो हम बिलकुल पिछड़े ही रह जाएंगे।
हाँ, सही शैक्षिक पृष्ठभूमि और योग्यता का होना महत्वपूर्ण है क्योंकि शिक्षा नीतियों को लागू करने के लिए नींव के रूप में कार्य करती है। जब लोग समस्याओं के प्रति जागरूक होंगे तभी वे समाधान के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए शिक्षा जरुरी है — पर कैसी शिक्षा ?
१.) औपचारिक या व्यावहारिक शिक्षा
२.) मानवता-वाद या तकनिकी-वाद शिक्षा
मेरा मानना है कि सर्टिफिकेट या कोई भी डिग्री किसी की शिक्षा का वर्णन नहीं कर सकती कि वे कितने शिक्षित हैं। डिग्री तो उनके उस फील्ड में कितने काबिलियत रखते हैं उसका माप-दंड होगा। यदि कोई भी व्यक्ति स्व-अध्ययन के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर ले, भले ही उसके पास योग्यता दिखाने के लिए कोई डिग्री या प्रमाण पत्र न हो, तो क्या वो उस काम को करने की काबिलियत नहीं रखता है, यह कहना गलत होगा।
यदि किसी नेता में सिर्फ एक ही गुण हो जैसे की हमने देखा है Degree वाले – डॉ. मनमोहन सिंह, बहुत बड़े विद्वान थे वित्त विभाग में, परन्तु भारत की हालत बद- से बदतर हो गयी थी उनके काल में। जिस field में महारत थी उनकी उसी पिच पर BOWLED हो गए। इसलिए, सिर्फ Education, एक नेता की स्किल सेट नहीं हो सकती है, देश के विकास के लिए। यहाँ education से ज्यादा जरुरी है नागरिकों के कल्याण में सुधार लाने की प्रबृति।
राजनीति को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए किसी डिग्री या सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। उन्हें दिखाने की ज़रूरत है कि उनका सामाजिक कार्य, अच्छा व्यवहार, सकारात्मक दृष्टिकोण, गैर-आपराधिक रिकॉर्ड, किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होना, देश के विकास के लिए कुछ अच्छा करने का दृढ़ संकल्प होना।
मुझे नहीं लगता कि इस तरह के ज्ञान के लिए उन्हें किसी मास्टर डिग्री की जरूरत है।
इसलिए, संभावित उम्मीदवारों के पास कम से कम उन क्षेत्रों में डिग्री होनी चाहिए जो राजनीतिक क्षेत्र में प्रासंगिक हों। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास कानून, अर्थशास्त्र या राजनीति विज्ञान जैसी प्रासंगिक डिग्री है, वे देश में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम हैं, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे इसके लिए प्रतिबद्ध और दृढ़ हैं।
और अंत में, मैं इस बात से पूरी तरह असहमत हूं कि शिक्षा लोगों को बेहतर ढंग से देखने और समझने में सक्षम बनाती है। बिल गेट्स, हेनरी फोर्ड, अल्बर्ट आइंस्टीन और कई अन्य लोगों के बारे में बात करें। उनके पास कोई शैक्षणिक योग्यता नहीं है जिसके बारे में वे बात कर सकें और फिर भी वे महान नेता हैं, वास्तव में वे दुनिया की सबसे शक्तिशाली प्रेरणाओं में से एक हैं।
People in authority use platforms meant for different things to peddle their fake political agenda. A coaching app is meant for teaching not for wasting students’ time who didn’t even consent for being imposed with political ideologies.
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Most qualified politicians of India